मोहित कुमार
लोकल न्यूज़ ऑफ़ इंडिया
व्रतों में सबसे जरूरी व्रत एकादशी का होता है.एकादशी का व्रत रखने से मन शांत रहता है. धन और आरोग्य में वृद्धि होती है.कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति और पापों को दूर करने के लिए किया जाता है.व्रत करने से कामो के ऋण तथा राहु की समस्याएं भी दूर होती हैं. यह व्रत चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी के अंदर रखा जाता है.व्रतों को रखने में स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए. इस साल चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत 28 मार्च को है.
व्रत रखने के नियम
ये व्रत दो तरीके से रखा जाता है,फलाहारी व्रत और निर्जल व्रत या जलीय व्रत. निर्जल व्रत सिर्फ स्वस्थ्य लोगों को ही रखना चाहिए. अन्य या आम लोगों को फलाहारी या जलीय व्रत रखना चाहिए. इस व्रत में दशमी के दिन सिर्फ एक बार सात्विक भोजन करना चाहिए.एकादशी के दिन सुबह श्रीहरी पूजन करना बहुत अच्छा
माना जाता है. रात्रि के समय जागरण करे और श्री हरी की पूजा करने से सारे पाप समाप्त हो जाते है.
चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी
सुबह के समय स्नान करे,एकादशी का व्रत और पूजा जरूर करे. सूर्य देव को जल अर्पित करेऔर केले के पौधों में जल दे.विष्णु भगवन को पीले फूल चढ़ाएं और बाद में श्रीमद्भगवदगीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ जरूर करें,या श्री हरी के मंत्र का जाप भी करे. मंत्र है - ॐ हरये नमः. शाम के समय निर्धनों को अन्न दान में दे.
चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी और समस्या का समाधान
सुबह के समय पीपल के पौंधे में जल देना चाहिए. शाम के समय पीपल के पौंधे की परिक्रमा करनी चाहिए और तने में पीला सूत लपेटते जाएं. ज्यादा से ज्यादा सात बार परिक्रमा करें और बाद में इस जगह पर दीपक जलाएं,सफेद मिठाई चढ़ाएं. इन सब के बाद राहु की समाप्ति की पूजा करें.
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